बारह राशियों के नाम, उनकी आकृति और गुणधर्म (स्वभाव)

मेषवृष मिथुनकर्कटसिंहाः कन्या तुलाच वृश्चिकः। धन्वी मकरः कुंभो मीनाविति राशि नामानि॥ ऋक्षं भवननामानि राशिःक्षेत्रंभमेव वा। उक्तानि पूर्व मुनिभिस्तुल्यार्थप्रतिपत्तये॥

"राशियों के दूसरे नाम - ऋक्ष, भवन, राशि, क्षेत्र, भ - ये राशियों के अन्य नाम हैं। ऐसा पूर्व के आचार्यों ने कहा है। राशियाँ बारह होती हैं, जिनके नाम नीचे दिए गए अनुसार हैं।"

मत्स्यौ घटी नृमिथुनं सगदं सवीणं चापी नरोश्वजधनो मकरो मृगास्यः॥ तौली ससस्यदहनाप्लवगा च कन्या शेषाः स्वनामसदृशाः खचराश्च सर्वे॥

राशि का क्या अर्थ है ?

"आकाश में दिखाई देने वाले पृथ्वी के चारों ओर के सभी भागों को भचक्र, शिशुमार या राशिचक्र कहा जाता है। उस शिशुमार चक्र को बराबर दूरी पर बारह भागों में विभाजित किया गया है, और उन प्रत्येक भाग को 'राशि' कहा जाता है।"

मेष (अ,ल,इ)

रुखा (कांति रहित), चलने वाला, चार पैरों वाला, पर्वतों पर गति करने वाला, लाल रंग का, तनकर बोलने वाला, थोड़ा लड़कों जैसा स्वभाव रखने वाला, पूर्व दिशा का स्वामी, दिन में घूमने वाला पुरुष, विषम उदय वाला, जब उदय होता है तब पूरा समान रूप से नहीं उगता - एक ओर से अधिक दिखाई देता है और दूसरी ओर से कम, और भेड़ों-बकरियों के समान मेष राशि है।

वृषभ (ब,व,उ)

स्त्री जाति, श्वेत (सफेद) वर्ण की, स्थिर स्वभाव वाली, दक्षिण दिशा की स्वामिनी, रात्रि में चलने वाली, चार पैरों वाली, पृथ्वी पर चलने वाली, ठंडी प्रकृति वाली, कांति रहित (चमक रहित), मध्यम संतानों वाली और विषम उदय वाली - ऐसा है वृषभ राशि का स्वरूप।

मिथुन (क,छ,घ)

पुरुष जाति, द्विस्वभाव (दोहरी प्रकृति वाली), दिन में चलने वाली, तेजस्वी लेकिन अंदर से खाली (शून्यस्वरूप), विषम उदय वाली, मध्यम संतान वाली, पश्चिम दिशा की स्वामिनी, दो पैरों वाली, तीखे (तनकर) बोलने वाली, गर्म स्वभाव वाली, और स्त्री-पुरुष दोनों को दौड़ाने वाली - ऐसी है मिथुन राशि।

कर्क (ह,ड)

स्त्री जाति, अधिक संतान वाली, बादामी रंग की, रात्रि में चलने वाली, पानी में चलने वाली, झटपट (तेजी से) चलने वाली, तेजस्वी, बहुत पैरों वाली, उत्तर दिशा की स्वामिनी, कफ प्रकृति वाली, और कमल से उत्पन्न होने वाली - ऐसी है कर्क राशि।

सिंह (म,ट)

थोड़ी संतान वाली, चार पैरों वाली, दिन में चलने वाली, मजबूत, स्थिर स्वभाव वाली, पूर्व दिशा की स्वामिनी, गर्म स्वभाव वाली, अधिक बोलने वाली, जंगल में घूमने वाली, कांति रहित (चमकहीन), और भूरे रंग की - ऐसी है सिंह राशि।

कन्या (प,ठ,ण)

दक्षिण दिशा की स्वामिनी, रात्रि में चलने वाली, दो पैरों वाली, ठंडे स्वभाव वाली, स्त्री जाति की, द्विस्वभाव (दोहरी प्रकृति) वाली, विचित्र रंग की, समान उदय वाली, पृथ्वी पर चलने वाली, थोड़ी संतान वाली, कांति रहित (चमकहीन), और स्त्री के स्वरूप वाली - ऐसी है कन्या राशि।

तुला (र,त)

चर (चलायमान) स्वभाव वाली, थोड़ी संतान वाली, पश्चिम दिशा की स्वामिनी, दो पैरों वाली, तेजस्वी, अत्यंत काली रंग की, दिन और रात दोनों समय चलने वाली, समान उदय वाली, पुरुष जाति की, गर्म स्वभाव वाली, और तराजू के साथ तौलने वाले जैसी आकृति वाली - ऐसी है तुला राशि।

वृश्चिक (न,य)

दिन और रात दोनों समय गति करने वाली, पीले रंग की, कफ प्रकृति वाली, जंगल में घूमने वाली, उत्तर दिशा की स्वामिनी, समान उदय वाली, अनेक पैरों वाली, स्थिर स्वभाव वाली, संतान को जन्म देते समय मर जाने वाली, स्त्री जाति की, तेजस्वी, और बिच्छू के आकार वाली - ऐसी है वृश्चिक राशि।

धन (भ,ध,फ,ढ)

समान उदय वाली, शीतल प्रवृत्ति वाली, दिन में चलने वाली, पीले रंग की, तीखे (तनकर) बोलने वाली, पूर्व दिशा की स्वामिनी, छोटी कद-काठी वाली, पुरुष जाति की, द्विस्वभाव (दोहरी प्रकृति) वाली, और धनुष धारण करने वाली - ऐसी है धनु राशि।

मकर (ख,ज)

दक्षिण दिशा की स्वामिनी, रात्रि में चलने वाली, चार पैरों वाली, चलायमान स्वभाव वाली, कम संतान वाली, स्त्री जाति की, ठंडी प्रकृति वाली, कांति रहित (चमकहीन), पानी में चलने वाली, विचित्र रंग की, मगर (मगरमच्छ) के समान आकृति वाली - ऐसी मकर राशि है, जिसे पंडितों ने मकर राशि कहा है।

कुंभ (ग,ष,स,श)

स्थिर स्वभाव वाली, दो पैरों वाली, पुरुष जाति की, तेजस्वी, मध्यम संतान वाली, दिन में चलने वाली, कम बोलने वाली, जल से संबंध रखने वाली, पश्चिम दिशा की स्वामिनी, और विषम उदय वाली - ऐसी है कुंभ राशि।

मीन (द,च,झ,थ)

दो पैरों वाली, जंगल में रहने वाली, रात्रि में चलने वाली, कफ प्रकृति वाली, स्त्री जाति की, तेजस्वी, अत्यधिक संतान वाली, द्विस्वभाव (दोहरी प्रकृति) वाली, उत्तर दिशा की स्वामिनी, अत्यंत गंदी (मैली), और दो मछलियों के आकार वाली - ऐसी है मीन राशि, जिसे पंडितों ने मीन राशि कहा है।